बदल गया है सब कुछ भैया
मगर प्यार का रंग ना बदला
बदली बदली हवा लग रही
बदले बदले लोग बाग़ हैं
बदले बदले समीकरण हैं
बदल गयी है नैतिकता भी
बदले लक्ष्य बदल गए साधन
देखे सभी बदलते हमने
मगर प्यार का रंग ना बदला
फैशन बदले कपड़े बदले
उपर से थोडा नीचे है
नीचे से थोडा ऊंचे है
नीचे ऊपर ऊपर नीचे
इनको देख हुआ जाता है
मेरा मन भी ताथा थैया
मगर प्यार का रंग ना बदला
मंजर बदले आँखे बदली
यात्री बदले मंजिल बदली
आँखों के सब सपने बदले
बदला मौसम आँगन बदले
ओठों के सब गाने बदले
मांझी बदले बदली नैया
मगर प्यार का रंग ना बदला
०००००००००००००
10 comments:
WORDS . SHOWS CONVICTIONS
न बदले रंग
न बदले प्यार
न बदले ढंग
बदले पोस्ट
छपे रोज नई
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रोज सही।
रंग प्यार का अक्सर बदले
पर दिखता नही हमको भैया
प्यार मे सब अंधे हो जाते
बदला रंग दिखे कैसे भैया?:)
आखिरी पद में बहुत सुन्दर शब्दो का सजाया है।बधाई।
प्यार कभी ना बदला है और ना ही
बदलेगा .....रूप बदले...भले ही रंग बदले
पर प्यार नहीं बदला
Great Expression sir.
Udan Tashtari said...
मगर प्यार का रंग ना बदला -प्यार का रंग कब बदलता है जी...बहुत उम्दा रचना.
March 16, 2010 3:44 PM
विनोद कुमार पांडेय said... एक बार पहले भी पढ़ चुका हूँ..बढ़िया कविता दुबारा पढ़ना बहुत अच्छा लगा...धन्यवाद हरि जी
kya baat hai ji.. barbas hi muskaan tair gayi honto par.. upar neeche badhiya hai.. :)
kya baat hai ji.. barbas hi muskaan tair gayi honto par.. upar neeche badhiya hai.. :)
प्यार के रंग में सभी रंग समाहित हो जाते हैं।
घणो चोखो काम करियो थ्हे दुबारा प्रकाशित करके,
म्हाने बी देखबा पढबा को मोको मिल्यों।
थाने भी राम-राम और
भाभी जी नै भी राम-राम
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