क्रिकेट धर्मं है तो सचिन भगवान है - सचिन के जन्मदिवस पर विशेष
आज २४ अप्रैल को जब क्रिकेट प्रेमी सचिन का ३७ वा जन्मदिवस मना रहे हैं तो एक शीर्षक पढ़ा कि अगर क्रिकेट धर्म है तो सचिन भगवान है। इंसान को भगवान बनाना क्यों जरूरी है? क्या लाखो भगवानो से हमारा मन नही भरा ? कभी हम अमिताभ को भगवान बनाते है कभी रजनी कान्त को और एक दिन किसी बात पे हमारा मोह भंग हो जाए तो हम अपने भगवान से इतने खफा हो जाते हैं कि उसके पुतले जलाएंगे उसका घर से वाहर निकलना मुश्किल कर देंगे। आओ हम सचिन को एक वेहतरीन इंसान और खिलाड़ी के रूप में देखें.
महानतम भारतीय क्रिकेटर माने जाने बाले सचिन रमेश तेंडुलकर का जन्म २४ अप्रैल , १९७३ को मुंबई में हुआ। विजडन ने उन्हें टेस्ट क्रिकेट का दूसरा सबसे अच्छा बल्लेवाज माना। वे एक दिवसीय क्रिकेट के सबसे सफल बल्लेवाज हैं। सचिन तेंदुलकर को लिटिल मास्टर भी कहा जता है।
सचिन एक दिवसीय और टेस्ट मैच दोनों में सबसे ज्यादा रन और शतक बनाने बाले खिलाड़ी हैं। विश्व कप में सचिन सबसे ज्यादा रन बनाने बाले खिलाड़ी हैं। सचिन तेंदुलकर को उनकी खेल प्रतिभा के लिए पद्म भूषन और राजीव गाँधी खेल रत्न पुरूस्कार से भी जिताभारत सरकार ने विभूषित किया। लेकिन उनका सबसे बड़ा पुरूस्कार क्रिकेट प्रेमियों का अनवरत प्यार है।
सचिन को क्रिकेट के मैदान में और मैदान के वाहर शानदार व्यबहार के लिए जाना जाता है। यह उन्हें अपने समकालीन क्रिकेट खिलाड़ियों से अलग पहचान दिलाती है।
आओ हम उन्हें उनके जन्म की ३६ वी वर्षगाँठ पर शुभकामना देते हैं और उनके और भी उज्जवल भविष्य की कामना करते हैं।