Wednesday, June 9, 2010

मेरी ब्लॉग यात्रा और नए नए रिश्ते - 1

तोप ना बाबा बा - अब तोप का क्या काम, चलो ब्लॉग निकालते हैं  






ब्लॉग जगत में कुछ रिश्ते बन जाते है
वो  रिश्ते हमको याद बहुत ही आते हैं 

हम पहले चैटिंग ही करते थे 
चैटिंग से ही दोस्त बनाया करते थे 
तब चैटिंग में दिन में होली मनती थी
और रात को दीप जलाया करते थे
तभी एक दिन गूगल से होकर 
किसी ब्लॉग पर अपनी नज़र पडी

ब्लॉग  को पढ़कर मेरी आँख खुली
जैसे कि गंगा की हो धार मिली 
खेल खेल में थे कुछ ब्लॉग बने 
अलग अलग बिषयो पर अलग बने 
तभी एक ब्लोगर से बात हुई 
कुछ हम कहे है नाम ब्लॉग का तो 

लिखने वाली रहती  मुंबई में
नाम  अनीता प्रोफ़ेसर है जो
फिर हमने भी ध्यान दिया इस पर
कविता,  लेख लिखे कुछ ब्लोगर पर
शुरू  शुरू कोई पढ़ने नही आया 
जब तक ब्लॉग विवाद मे नही आया 


आगे पढ़िए अगली पोस्ट में जल्दी ही .........................