ये ब्लोगरो के मेले
दुनिया में कम ना होंगे
अफ़सोस हम ना होंगे
पिछली 2 पोस्ट पर आप सबके मिले प्यार के लिए स्नेहाविभूत मैं थोडा डर सा गया हूँ कि क्या मैं आगे की बात उस स्तर पर आप तक पहुचा पाउँगा जैसे कि और साथी आसानी से पहुचा देते है और आप सभी मेरे से अपेक्षा कर रहे हैं.
जैसा कि मैंने पहले बताया कि इस ब्लोगर मिलन का कोई निश्चित एजेन्डा नहीं था और प्रमुख उद्देश्य था एक दूसरे को और ब्लॉग की दुनिया के विविध आयामो को जानना और खुद को इस विधा के लिए अधिक सहज और प्राभावशाली बनाना ही था.
तो अब आगे बढ़ते हैं. सूत्रधार के रूप मे सबसे पहले मैंने सभी को एक दूसरे से परिचित कराया और थोड़ी ही देर मे हम सभी एक दूसरे के साथ एक सहज सम्बन्ध महसूस करने लगे. फिर मैंने सभी को ब्लॉग जगत से अपने जुड़ने की प्रक्रिया और अपने ब्लॉग और अपने विचार देने के लिए आमंत्रित किया.
बात शुरू हुई श्री दिनेश राय द्विवेदी जी से जो कि हमारे मेहमान भी थे और हम सब मे वय और अनुभव में सबसे बरिष्ठ भी. उन्होंने बताया कि बेटे ने जब एम सी मे प्रवेश लिया तो उसकी जरूरत के हिसाब से कंप्यूटर लिया गया लेकिन धीरे धीरे उसका सबसे ज्यादा उपयोग मै ही करता रहा. ऐसे ही जब नेट कनेक्शन लिया तब भी मैंने ही इसे ज्यादा काम मै लिया. फिर दोनों बच्चो के पास अपने लेपटॉप हो गए तो कंप्यूटर ऑफिस मै आ गया. बहुत दिन तक मै औरो के ब्लॉग पढता रहा. मेरा ब्लॉग से जुड़ने का मन था लेकिन मै कोई भी काम करता हूँ तो खूब सोचकर और फिर पूरी तयारी के साथ करता हूँ . मैंने तीसरा खम्बा के माध्यम से न्याय व्यबस्था की कमियों से होने बाली परेशानियों पर लिखा. भारत मै न्याय व्यबस्था के इतिहास पर भी मैंने नियमित पोस्ट लिखी. इसके साथ ही मैं ब्लॉग के जरिये देश के हर कोने से आने बाली सलाह की प्रार्थना को भी पोस्ट के रूप में अपने ब्लॉग पर जगह देता रहा हू. इसके अलावा मेरा अनवरत ब्लॉग भी समसामयिक मुद्दों और सरोकारों, कविता और अन्य साहित्यिक रुचियों के लिए लगातार पढ़ा जाता है. वकील साहब ने बताया कि सबसे पहले उन्होंने एक अखवार मे काम किया और फिर उन्हें मुंबई के एक अखवार मे काम करने का निमंत्रण था लेकिन मुंबई उन्हें रास नहीं आई सो वापिस लौट आये.
१९७८ मै वकालत शुरू की उसमे भी शुरू से शोषित और मजदूर के हक़ के लिए लड़ना ही मुख्या ध्येय रहा. वकील साहब ने ये भी कहा की उनका माना है की अभी ब्लोग जगत शैशव अवस्था मै है लेकिन आगे जो अच्छा लिखेगा उसे ही यद् किया जाएगा और उन्हें भी लोग पढ़ते है तो अच्छा लगता है और जहा लिखा हुआ उनको अच्छा लगता है वहा वो प्रोत्साहन भी देते है और टिप्पणी मै अपनी राय भी देते हैं. कुछ ख़ास ब्लोगर्स की चर्चा चलने पर वकील साहब ने कहा की वो यथा संभव सभी के ब्लॉग पढ़ते हैं कुछ से नेट पर और फ़ोन पर चर्चा भी होती है एक चर्चित ब्लोग्गर ( जो ब्लॉग पर नारीवाद की अति और पुरुष विरोधी मानसिकता के लिए जानी जाती है ) का जिक्र आया तो आपने कहा की उनसे नारी मुद्दों पर खूब चर्चा होती थी और वो उनके विचार भी मांगती थी लेकिन एक दिन उस ब्लोग्गर की किसी पोस्ट से उन्होंने पूरी असहमति दर्ज की तो उन्होंने कहा अब मै कभी आपसे बात नहीं करूंगी तो उन्होंने भी खुशी से हमेशा के लिए विदा दे दी. अजीत वडनेकर के ब्लॉग पर उनके संस्मरण भी छपे है जिन्हें सभी ने बहुत पसंद किया था .
इसके बाद चर्चा को संजय व्यास ने आगे बढ़ाया और उन्होंने अपने बारे मे बताया की वो बाड़मेर से है तो बात चली बाड़मेर और जोधपुर के जीवन की और वहा युवाओ के लिए अब्सरो के अभाव की. वहा के ग्रामीण परिवेश की जोधपुर के जीवन से तुलना और अब जब वहा तेल के भण्डार मिले है और रिफाइनरी खुलने ही बाली है तब बदले माहौल मे रोज़गार और जीवन मे संभावित बदलाव पर खुलकर चर्चा हुई. संजय ने ये भी बताया की वो अपने ब्लॉग पर केवल गंभीर लेखन करते है और टिप्पणी लेने देने से बहुत प्रभावित नहीं होते.
चर्चा की कड़ी से जुड़ते हुए सीप का सपना ब्लॉग के श्री राकेश मूथा जी ने अपने लेखन के सरोकारों, कविता और नाटको से अपने लगाव और सक्रियता का जिक्र किया. सीप का सपना नाम से उनकी कविताओ की पुस्तक भी प्रकाशित हुई थी और अब सीप का सपना ब्लॉग में लगभग नियमित रूप से वे अपनी नयी कविताएं डालते रहते हैं. उनके कुछ नियमित पाठक हैं उनकी टिप्पणिया भी मिलती हैं.
इसके बाद चर्चा का सूत्र एक मात्र महिला ब्लोगर कुमारी शोभना चौधरी को मिला. उनको लेकर कौतूहल सभी को २ कारणों से था एक तो इन दिनों वो रिसर्च मे पूरी तरह डूबी हुई हैं और इस रिसर्च के काम की एकरूपता को तोड़ने और उस मूड से बाहर आने के लिए वे सर्फिंग करती हैं और इसी लिए अपने ब्लॉग पर जो मन को भाता है वो लिखती हैं. अपने परिचय मे वेहद प्रतिभाशाली और बहुमुखी प्रतिभा की धनी शोभना ने १०वी कक्षा मे राजस्थान बोर्ड की अपनी मेरिट और आगे की शैक्षणिक उपलब्धियों के अलावा शिक्षेतर गतिबिधियों से जुड़े होने और गणतंत्र दिवस परदे मे हिस्सा लेने और अन्य उपलब्धियों का जिक्र किया. शोभना से सभी ये भी जानना चाहते थे कि ऐसी क्या बात हुई कि उन्होंने ब्लॉग जगत को छोड़ने का निर्णय लिया वो भी तव जबकि उन्होंने उसी दिन इस ब्लोगर मिलन में भाग लेने की पुष्टि कर दी थी.
इस मामले में शोभना जी का कहना था कि वो ब्लॉग जगत में इस आशा के साथ आयी थी कि यहाँ आम जीवन से अलग थोड़े लेकिन पढ़े लिखे और परिष्कृत रूचि के लोग होंगे और पढने लिखने बाले लोगो के बीच जाकर उन्हें सुकून मिलेगा. लेकिन पिछले बहुत दिन से वो जिस तरह के आरोप प्रत्यारोप ब्लॉग जगत में देख पढ़ रही है उससे उनका मन खराब हो गया . उनको सबसे ज्यादा दुःख इस बात का होता है कि बहुत से लोग साधारण पोस्ट को असाधारण बताकर कमेन्ट करते है. वे खुद बहुत कम कमेन्ट करती है क्युकी इतना समय उनके पास नहीं होता तो ऐसे मे कुछ लोगो ने उनको अशोभनीय कमेन्ट भेजे जिनका निहितार्थ ये था कि वो लडकी है इसलिए इतने कमेन्ट आते हैं. इस बात पर सभी ने चर्चा की. मेरा खुद का मानना है कि ब्लॉग जगत भी बाकी दुनिया का ही प्रतिबिम्ब ही है और महिला होने के कुछ फायदे होते है तो कुछ नुक्सान भी लेकिन इसके लिए ब्लोगर महिला को तब तक दोषी नहीं ठहरा सकते जब तक वो अपनी तरफ से ऐसे कमेन्ट करने बालो को ना उकसाती हो. सभी साथी ब्लोगर्स ने शोभना जी से अनुरोध किया कि वो अपना लेखन ऐसे ही जारी रखे और इस तरह के लोगो से घबराये नहीं.
मेरे अलावा जो बचे हुए वक्ता रहे वो थे कुश जो कि शायद सबसे उर्जावान युवा ब्लोगर हैं और पूरे ब्लॉग जगत मैं उनकी बहुआयामी प्रतिभा का लोहा माना जता है . वो जयपुर में एक सॉफ्टवेर डेवेलोपमेंट कंपनी मैं कार्यरत हैं और ब्लॉग जगत में तकनीक, लेखन प्रतिभा और सक्रियता के लिए जाने जाते हैं वो यदा-कदा चिटठा चर्चा भी करते है और उनकी चिटठा चर्चा को बहुत पसंद किया जता है. उन्होंने ब्लॉग जगत के अपने अनुभव भी बताये और सक्रिय ब्लोग्गरों के ब्लॉग और उनके लेखन पर भी चर्चा की. साथ ही ब्लॉग जगत में होने बाले विवादों जैसे बबली जी के ब्लॉग पर हुई गरमागरम चर्चा पर भी उन्होंने अपनी राय जाहिर की. मेरे द्वारा एक ख़ास ब्लोग्गर को घोर पुरुष विरोधी और उनके रवैये को अड़ियल बताया गया तो उनका कहना था कि उस ब्लोगर का जो स्टैंड है वो उस पर पूरी ताकत से काम कर रही हैं..
इस सारी आपसी चर्चा में जिन ब्लोग्गर बंधुओं को याद किया उनमे अविनाश जी , अनूप शुक्ल जी , समीर लाल जी, अरविन्द मिश्रा जी, ललित शर्मा जी, पावला जी, अनीता कुमार जी (अनीता जी के ब्लॉग को पढके ही मुझे ब्लॉग जगत के बारे मे पता लगा), रश्मि रविजा जी, अदा जी, शिखा वर्श्नेय जी, भाई मिथिलेश, भाई महफूज, भाई अजय झा जी के ब्लॉग और उनके योगदान पर तो चर्चा हुई ही साथ ही नाइस टिप्पणी से सबको उपकृत करने बाले ब्लोगर सुरेश जी की भी चर्चा हुई.
डिस्क्लेमर
1. ये चर्चा तब तक अधूरी ही कही जायेगी जब तक कि अगली बार मिलने की तमन्ना बाकी रहेगी.
2. पुनः इस मिलन और चर्चा का उद्देश्य ये है कि अधिक से अधिक ब्लोग्गर हमसे जुड़ सकें.. .
3. राजस्थान के अन्य शहरो के ब्लोग्गर भी कृपया ब्लॉग जगत में अपनी उपस्तिथी की सूचना से अवगत कराये.
4. मुझे उम्मीद थी कि वकील साहब, कुश, संजय, राकेश जी और शोभना की तरफ से ये विवरण मेरे से पहले आ जाएगा इसी लिए इस विवरण के लिए तीसरी कड़ी तक इंतज़ार कराया. इस देरी के लिए सिर्फ मै दोषी हूँ.
5. मुझे सजा सुनाने के लिए इस पोस्ट पर टिप्पणी करना अनिवार्य नहीं है पर करे तो डिलीट नहीं की जायेगी.
वकील साहब फिर आना