मोहब्बत एक पूजा है अगर आँखों मे पानी है
मोहब्बत दो दिलो के तीर पे गंगा का पानी है
सच्चे लोग पीते हैं मोहब्बत रस के प्याले को
झूठे प्रेमियों के लिए तो ये बोत्तल का पानी है
______________________________________
रसीले होठ तेरे थे सुखद अहसास मेरे थे
सुनहरे केश तेरे थे लिपटते गाल मेरे थे
मगर जब स्वप्न टूटा तो यही सच सामने आया
न तू मेरी न मैं तेरा सुखद वो स्वपन मेरे थे
______________________________________
भोर की पहली किरण कहती सुवह से,
मैं प्रथम उस सूर्य की अभिसारिका हूँ
तुम भले नित की करो जलपान उसके साथ पर
मैं प्रथम उस सूर्य की परिचारिका हूँ।