Monday, March 28, 2011

आधी हकीकत - आधा फ़साना

चैटिंग के टाइम पर आना गोरी नेट पर
वाट जोह रहा है बैठा बैठा तेरा दीवाना

ना कभी इनकार करके दिल को तोड़ना
प्यार भरे स्क्रैप करके ये रिश्ता निभाना

जबसे तुम्हें जोड़ा है दिल ने ये सोचा है
तुम भी हमको चाहती ये मिलके बताना

प्रशंसापत्र में लिखे वो भाव सारे सच्चे है
मिलके अपने मनभावो को हमको बताना

आँखों से दूरी भले लगती तुम पास सदा
रिश्ता पर लगता ये खूब जाना पहचाना

दुनिया ये ऑरकुट की हमको लगे सच्ची
या फिर आधी हकीकत है आधा फ़साना

8 comments:

Udan Tashtari said...

बढ़िया मजेदार... :)

Dheerendra Singh said...

behatreen waaaah mazedaar bhi,,...

Unknown said...

mast hai..............

देवेन्द्र पाण्डेय said...

हमने तो आरकुट के दुनि‍यां को जानने का प्रयास नहीं कि‍या आप यूं ही अध्‍ययन करते रहें मज़ा लेते रहें और अनुभवी बनकर अपना अनुभव बाटें...
आधी हकीकत आधा फ़साना .... अच्‍छा लगा.

Unknown said...

very nice pl keep it up

vijay kumar sappatti said...

hari saheb , bahut majedaar, muskaraat la di aapne aaj ki subah , ab office me sahi kaam honga .. dhanywad.

IRA Pandey Dubey said...

बढ़िया ,मजेदार

ZEAL said...

truly interesting..lol