ओह ये तीन कुख्यात खिलाड़ी यहाँ क्या कर रहे हें ?
इनका तो उचित सम्मान किया जाना चाहिए.
आओ रे पाकिस्तान के सभी खेल प्रेमियों
अपने खलनायको का मिलकर सत्कार करें.
कसम है एक एक पाकिस्तानी को
इनके घर तक इनका उचित सत्कार करना है
सब अपने अपने जूते अपने हाथ में लेंगे और फिर
जूतों को अस्त्र और शस्त्र दोनों समझकर उचित सत्कार करेंगे.
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पर चचाजान इन लोगों ने ऐसा किया क्या है?
बेटा मत पूछ, इन लोगों ने अपने परिवार, शहर, देश, इस्लाम
और सबसे बढ़कर इंसानियत की ऐसी तैसी की है.
चचाजान क्या अल्लाह इनको कभी माफ़ कर सकेगा ?
बेटा इन्हें अल्लाह कभी माफ़ नही करेगा और पता है दंड में इन्हें फिर से ही पाकिस्तान में जनम लेने की सजा देगा.
बेटा नरक में रहने और पाकिस्तान में रहने में कोई फर्क नहीं है.
16 comments:
दृश्य चित्रावली शानदार है।
khel pramiyo ki bhavnao ko thess pahuchane wale khalnayako ka ghade par baitha kar maatami dhun bajate unka julus nikalna chahiye
यह भी शुद्ध हास्य है ना ?
यह भी शुद्ध हास्य है ना ?
bhai Anonymous chitra bilkul sachche hai haa ant mai jo likhaa hai vo haasya hai lekin shuddh hai iskaa daava nahe hai
aapkee teep swaagat yogya aur saamyik hai aap naam bhee dete to achchha lagtaa
sharad jee mujhe lagaa ki itnee mahatvapoorn aur saarthak chutkee jaror kisee gambheer dost kee hogee.
सजा वाजिव है जी, हमारे सभी नेताओ को भी यही सजा मिले.... आमीन
badiya
जैसी करनी, वैसी भरनी!
बेटा नरक में रहने और पाकिस्तान में रहने में कोई फर्क नहीं है.
HA-HA-HA, BAHUT KHOOB !
पाकिस्तान में तो बाढ़ आई है न?
बहुत सही
अरे देश् बदलने े से व्यक्ति थोड़े ही बदल जाता है यह गन्दगी तो जहां दुष्ट है वहा होगी ही| लगता है आपकी खेलो में बहुत रूचि है
:)
रोचक एवं भौंचक
अपने लोगो की भावनायो के साथ खेलने की ये सज़ा भी कम है
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