कुछ और रोजगार छूटे
कुछ और घरों की नीलामी हुई
बस इतनी सी बात हुई और
मेरे देश में दिन की शुरुआत हुई
मंदी का ये दुर्योधन मानो
द्रौपदी सी अर्थव्यवस्था की
इज्ज़त हरने को आतुर है
और ओबामा बने कृष्ण
संकट में हैं कहाँ से लायेंगे
इतना बेल-आउट का चीर
आर्थिक मंदी ने झकझोरा सबको
किसी को ज्यादा किसी को कम
कुछ तो झटका झेल गए
तो कुछ ने लगाया अपने
मंदी से घबराकर अपने
जीवन पर पूर्ण विराम
आशा भी डूबती जाती है
आख़िर कब लेगी
यह तंगी थोड़ा विश्राम
किस दिन उगेगा वो सूरज
जिसकी किरणे करेंगी
इस दानव का काम तमाम
कहतें है समय बड़ा बलवान
और है हर मर्ज की दवा
दो गोली संतुष्टि की
सुबह शाम खाओ और
सुनो हमारा भी नुस्खा
बुरा वक्त तो निकल जाएगा
पर तुम धीरज न खोना
नौकरी जाए या फिर
व्यापर क्यो ना डूबे पर
आस का साथ न छोडना
कभी तो होगा ही भइया
इस काली रात का अवसान
( शैलेश मंगल )
कुछ और घरों की नीलामी हुई
बस इतनी सी बात हुई और
मेरे देश में दिन की शुरुआत हुई
मंदी का ये दुर्योधन मानो
द्रौपदी सी अर्थव्यवस्था की
इज्ज़त हरने को आतुर है
और ओबामा बने कृष्ण
संकट में हैं कहाँ से लायेंगे
इतना बेल-आउट का चीर
आर्थिक मंदी ने झकझोरा सबको
किसी को ज्यादा किसी को कम
कुछ तो झटका झेल गए
तो कुछ ने लगाया अपने
मंदी से घबराकर अपने
जीवन पर पूर्ण विराम
आशा भी डूबती जाती है
आख़िर कब लेगी
यह तंगी थोड़ा विश्राम
किस दिन उगेगा वो सूरज
जिसकी किरणे करेंगी
इस दानव का काम तमाम
कहतें है समय बड़ा बलवान
और है हर मर्ज की दवा
दो गोली संतुष्टि की
सुबह शाम खाओ और
सुनो हमारा भी नुस्खा
बुरा वक्त तो निकल जाएगा
पर तुम धीरज न खोना
नौकरी जाए या फिर
व्यापर क्यो ना डूबे पर
आस का साथ न छोडना
कभी तो होगा ही भइया
इस काली रात का अवसान
( शैलेश मंगल )
3 comments:
aapne mazedaar tariqe se serious vishay ko bayaan kiya hai...achha laga
जब गुंडो ओर चोरो का राज होगा तो ऎसा ही होगा, बहुत सुंदर शव्दो मे आप ने हर्मन की बात लिखी.
धन्यवाद
ye kavitaa mere bahut priya shailesh mangal kee hai aur bhoga hua yathaarth hai.
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