कल तुमको मैंने एक गीत सुनाया था
ब्लॉग जगत को थोड़ा थोड़ा भाया था
कुछ गीत लिखे मैंने फिर इसी ब्लॉग पर ही
कुछ सुधी जानो ने दी थी वहा टिप्पणिया भी
उड़न तश्तरी वाले मिले समीर लाल
तो फुर्सत से देते कमेन्ट फ़ुरसतिया जी
अविनाश मिले नुक्कड़ से जोड़ा हमको भी
थोड़ी चिक चिक के बाद जुड़े सुशील कुमार
था जोश बड़ा उनको तो अच्छा लिखने का
पर नयी पोस्टिंग ने उस क्रम को तोड़ दिया
फिर सूर्यकान्त जी मिले सपत्नी ऑरकुट पर
हौले हौले वो बढ़ने लगे ब्लॉग पर भी
इन दिनों पूर्णिमा जी ने कुछ टोपिक देकर
हमसे कुछ गंभीर काव्य लिखवा डाला
ऐसे ही अनुराधा जी ने भी दीदी बनकर
दे देकर कुछ आदेश गद्य लिखवा डाला
फिर मिले हमें कुछ बड़े ३६ गढ़ी ब्लोगर
मूछो वाले हैं ललित बने छोटे भैया
एक पावला जो टाले हर तकनीक बला
मिले अजय झा, लिखें पोस्ट निरंतर ही
राजीव मिले जो बिना तने- जा-ते लिखते
ये दौर था ऐसा जब पढ़ते तो बहुत पोस्ट
पर ना कमेन्ट ना चटके का था हमें जोश
इसलिए हमें भी कम ही कमेन्ट मिला करते
कविता अभी जारी है. अगले अंक मे जोधपुर ब्लोगर मिलन और उसके कारण जुड़े नये ब्लोगर साथियो पर कुछ लिखने की कोशिश होगी. जिनके भी नाम यहाँ आये है वो सभी मेरे लिए बहुत सम्मानित व्यक्ति हैं. मेरे और पोस्ट के खिलाफ कमेन्ट का स्वागत है अगर भाषा ठीक हो. प्यार बनाए रखिये.
49 comments:
शर्मा जी,
बहुत बढिया लिखे हैं....
ई गद्य है की पद्य :)
वईसे लिखा जबरदस्त है.... जोधपुर ब्लागर्स मीट के बाद पूरी कविता का इंतज़ार रहेगा।
तो ब्लोगरो पर कविताये भी रची जा रही है.. बहुत उत्तम है जी
yeh kavita toh bahut mazedaar ban rahi hai jaari rakhiye
आपकी यात्रा बदस्तूर जारी रहे।
आज का गीत भी अच्छा लगा .. जारी रखिए !!
बहत बढ़िया... और सार्थक चित्रण किया है आपने....
बहत बढ़िया... और सार्थक चित्रण किया है आपने....
acchi kavita likhi ja rahi hai. agali ka intezaar
आपकी ब्लोगयात्रा ने मुझमें भी जोश सा भर दिया है...कुछ इसी तरह का लिखने को लेकिन यकीन मानिए... मैं इता...ज़रा सा नहीं लिखने वाला
अगली कढी का इंतज़ार रहेगा..चावल मैं घर से लेता आऊँगा :-)
तारीफ तो बाद में ......................पहले यह बताइए मेरा नंबर कब आएगा जी ?
बहुत ही उम्दा, दादा ! लगे रहिये !
bahutahi badhiya sirji blog jagat ko utaar laaye aap kagaz pe...
ये भी खूब रही
आपकी ब्लॉग यात्रा तो काव्यात्मक परिक्रमा का आभास दिला रही है...आगे की यात्रा विवरण का इंतज़ार है...
ये नया आयाम है काव्य सृजन का...आनन्द आया, मन को भाया.
बहुत सुंदर
जय हो...
बहुत बडिया अपकी यात्रा मे हम भी शामिल हो गये। आभार और शुभकामनायें
Bahut badhiya bahut badhiya...
जय हरि हरि
ब्लॉगिंग का खंड काव्य।
आभार इस कविता को प्रस्तुत करने का..अच्छी
पोस्ट!तो ब्लोगरो पर कविताये भी रची जा रही है.. बहुत उत्तम है जी
Aapki is blogyatra ke hum bhi sahyatri hain.
यह कवितामयी यात्रा तो बहुत ही रोचक है...नामों के साथ उनकी विशेषताएं भी बुनी गयी हैं कविता में...बहुत सुन्दर
अगली कड़ी का इंतज़ार है...
इस कवितानुमा पोस्ट को मिले अपार प्यार के लिये सभी को एक साथ आभार.
॒ देव कुमार झा -
अब गद्य है कि पद्य है
कि गद्य भीतर पद्य है
या पद्य भीतर गद्य है
भैया सब गद्य-पद्य है
॒ कुश
कविता पर ब्लोगर लिखे
पढते बस कुछ लोग
ब्लोगर पर कविता लिखे
पढते है ज्यादा लोग
॒ अनिता कुमार
मजेदार कविता कहे इसे आप, स्वीकार
यू ही वरसाते रहो, आशीष ये दरकार.
॒ अजित गुप्ता
देश पराये बैठ के पढी आपने पोस्ट
वादा करते आपसे नही बनेगे घोस्ट
जन दुनिया ब्लोग के मालिक को मै पहचान नही पा रहा.
उत्साह बढाने के लिये आभार.
सन्गीता जी आ गयी
है अपना सौभाग्य
ऐसे ही आते रहो
सुधर जायेगा भाग्य
आये है महफ़ूज़ जी
छोड-छाड सब काम
लाठी-बल्लम साथ है
भली करेन्गे राम
बहन शोभना आ गई
बढा खूब उत्साह
भगवन इसकी कीजिये
बिना शूल की राह
जोश भरा राजीव मे
तने जा रहा जीव
लिखो कथा निज ब्लोग की
ठन्डा पानी पीव
शिवम भाई ये पूछते
कब उनका नम्बर आय
लम्बी है यात्रा बहुत
तू काहे घबराय
ब्लोग जगत तो नही पर साथी रहा उतार
जो अब तक साथी रहे चुकता नही उधार
॒ shikha varshney
ब्लोग जगत बहुरूपिया
सबके अपने ढन्ग
बढिया लिखने मे रहा
हाथ हमारा तन्ग
॒ मीनाक्षी
सभी कर रहे परिक्रमा अपने अपने ढन्ग
हमने न्ही दिखला दिया ब्लोग काव्य का रन्ग
चलने दीजिये ... हम भी कुछ देर बाद इस यात्रा मे आपके साथ आते हैं ।
@ Udan Tashtari
जितने ब्लोगर है यहा उतने ही आयाम
जिसकी जैसी सोच है वैसे उसके राम
Suman said...
बिगुल लोक संघर्ष का दे कमेन्ट बस नाइस
अच्छी हो या बुरी हो रहे एक ही चोइस
Suman said...
बिगुल लोक संघर्ष का दे कमेन्ट बस नाइस
अच्छी हो या बुरी हो रहे एक ही चोइस
आदेश कुमार पंकज
अग्रेजी स्कूल मे गणित पढाते आदेश
हिन्दी की कविता रुचे पन्क को विशेष
॒ रंजन
जय हो का उदघोष है करते रंजन भाई
थोडे से दिन और है हम भी जयपुर जाई
॒ निर्मला कपिला
कपिला जिनका नाम है निर्मल जिनके भाव
वीर बहुटी सहित सब उत्तम इनके ब्लोग
badhiya hai agli kadhi ka intizar hai
देर लगी आने में हमको.. शुक्र है फिर भी आये तो....
मजेदार यात्रा है सर.
Dheerendra Singh
काफ़िर हो उधेडते हो बडे बडो की बखिया
हमको कहते हो बहुत बढिया बहुत बढिया
@ अविनाश वाचस्पति
खन्ड काव्य की प्रेरणा देते श्री अविनाश
नीचे धरती थाम ले ऊपर से आकाश
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