आ रहे हैं आप
बुला रहे हैं हम
धूप डिगा पाएगी
क्या हमारे कदम ?
या अब बहाना कोई
नया बनायेंगे हम।
मानस में है भरपूर
विचारों की खजूर
खूब खाइये और
लुटाइये पोस्टों और
टिप्पणियों में जरूर।
टूट जाएं
छूट जाएं
मन के सारे
गरूर
प्यार में मिलें सब ऐसे
सारी दूरियां हो जाएं दूर।
11 comments:
शर्मा जी पता नही लोग हर जगह क्यो बेमतलब अपनी अपनी बकवास लिख देते है, आप ने इसे सही दुत्कारा, ओर ऎसे लोग होते भी इसी काबिल ही है. मेरी तरफ़ से इस ब्लांगर मिलन की बहुत बहुत बधाई ओर यह मिलन सफ़ल हो मेरी बहुत सारी शुभकामनाये. धन्यवाद
venue is not suitable for all delihites , it must be in Central Delhi
रोचक
बहुत दुःख होता है ऐसे लोगों के कमेन्ट को पढ़कर / ऐसे लोगों से मेरा आग्रह कम से कम सार्थक बहस या समारोह को आपसी मतभेद से दूर रखें / आप सभी से आग्रह है की सत्य और इंसानियत ही हमारे कल्याण का मार्ग है और हम सभी को उस राह पर ही चलना चाहिए / जो नहीं चलेंगे उनकी जिन्दगी मौत से भी बदतर हो सकती है /
ब्लॉगर मीट की सफलता हेतु शुभकामनाएँ!
बहुत बहुत आभार शर्मा जी आपका !!
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