Sunday, March 28, 2010

डा. कुमार विश्वास आज जोधपुर मे





आज हिन्दी कवि सम्मेलनो के सबसे चर्चित युवा गीतकार डा कुमार विश्वास जोधपुर मे है और शाम को ६ बजे एस एल बी एस कालेज मे उनका कार्यक्रम है. पहले मुलाकात हुई हवाई अड्डे पर फिर राजपूताना होटल के उनके कमरे मे. शाम को उनका कार्यक्रम है. मुलाकात का शेष भाग उसके पश्चात ब्लोग पर लिखेगे.  
उनके स्वागत मे उन्ही का एक नया गीत प्रस्तुत है. 


फिर बसंत आना है
डा. कुमार विश्वास




तूफ़ानी लहरें हों



अम्बर के पहरे हों


पुरवा के दामन पर दाग़ बहुत गहरे हों
सागर के माँझी मत मन को तू हारना
जीवन के क्रम में जो खोया है, पाना है
पतझर का मतलब है फिर बसंत आना है

राजवंश रूठे तो
राजमुकुट टूटे तो
सीतापति-राघव से राजमहल छूटे तो
आशा मत हार, पार सागर के एक बार
पत्थर में प्राण फूँक, सेतु फिर बनाना है
पतझर का मतलब है फिर बसंत आना है

घर भर चाहे छोड़े
सूरज भी मुँह मोड़े
विदुर रहे मौन, छिने राज्य, स्वर्णरथ, घोड़े
माँ का बस प्यार, सार गीता का साथ रहे
पंचतत्व सौ पर है भारी, बतलाना है
जीवन का राजसूय यज्ञ फिर कराना है
पतझर का मतलब है, फिर बसंत आना है


13 comments:

समय चक्र said...

bahut badhiya swagat geet hai... badhai .

दिनेशराय द्विवेदी said...

बहुत सुंदर और मनभावन गीत है। आज तो आप व्यस्त रहेंगे।

"अर्श" said...

badhaayee sahib... aage ke liye intazaar me hun..


arsh

Udan Tashtari said...

बढ़िया है..मिल लिजिये सम्मोहन के जादूगर से..फिर विडियो सुनवाईयेगा.

Anonymous said...

bahut hi accha git hai.

Kulwant Happy said...

ऊर्जा देती हुई रचना।

ब्लॉ.ललित शर्मा said...

बधाई हो जी
हमारी भी राम राम पहुँचा देना

दीपक 'मशाल' said...

sundar geet abhaar aapka.. aaj meri bhi baat hui thi lekin wo us samay thoda busy the London aane ka kah rahe the.

अविनाश वाचस्पति said...

पत्‍थर में प्राण सदैव से मौजूद हैं। फूंक मार कर इंसान उन्‍हें हिलाता डुलाता रहता है। तभी तो पत्‍थर को पूजा जाता है क्‍योंकि उनमें ईश्‍वर अपनी आस्‍था और विश्‍वास में मौजूद है। गीत सुनकर तो खूब लुत्‍फ आया होगा और सुनाने वाले ने भी दिल से सुनाया होगा।

विवेक रस्तोगी said...

मुलाकात के शेष भाग का इंतजार है, इतना बढ़िया गीत हम तो मस्त हो लिये हैं।

kunwarji's said...

bahoot badhiya...

किरण राजपुरोहित नितिला said...

bahut manoram geet hai .

गीतिका वेदिका said...

वाह वाह !! बहुत खुशी हुयी| दो बड़े इंसानों को साथ देख कर|
सादर वन्दे !!