Wednesday, February 17, 2010

जोधपुर ब्लोगर मिलन - समापन किश्त






ये  ब्लोगरो  के  मेले  
दुनिया  में  कम  ना  होंगे 
अफ़सोस  हम  ना  होंगे 
पिछली  2 पोस्ट  पर  आप  सबके  मिले  प्यार  के  लिए  स्नेहाविभूत  मैं थोडा  डर  सा  गया  हूँ  कि  क्या  मैं   आगे  की  बात  उस स्तर पर  आप  तक  पहुचा   पाउँगा  जैसे  कि और  साथी  आसानी   से  पहुचा  देते  है  और  आप  सभी  मेरे  से  अपेक्षा  कर  रहे  हैं.  
जैसा  कि  मैंने  पहले  बताया  कि   इस  ब्लोगर  मिलन  का  कोई  निश्चित  एजेन्डा नहीं  था  और  प्रमुख  उद्देश्य  था  एक  दूसरे  को  और  ब्लॉग  की  दुनिया  के  विविध  आयामो को जानना  और  खुद  को  इस  विधा  के  लिए  अधिक  सहज  और  प्राभावशाली  बनाना  ही  था. 

तो  अब  आगे  बढ़ते  हैं. सूत्रधार  के  रूप  मे  सबसे  पहले  मैंने  सभी  को  एक  दूसरे  से  परिचित  कराया  और  थोड़ी  ही  देर  मे  हम  सभी  एक  दूसरे  के  साथ  एक  सहज  सम्बन्ध  महसूस  करने  लगे. फिर  मैंने  सभी  को  ब्लॉग  जगत  से  अपने  जुड़ने  की  प्रक्रिया  और  अपने   ब्लॉग  और  अपने  विचार  देने  के  लिए  आमंत्रित  किया. 

बात  शुरू  हुई  श्री  दिनेश  राय  द्विवेदी  जी  से  जो  कि  हमारे  मेहमान  भी  थे  और  हम  सब  मे  वय  और  अनुभव  में  सबसे  बरिष्ठ  भी. उन्होंने  बताया  कि  बेटे  ने   जब  एम सी मे  प्रवेश लिया  तो  उसकी  जरूरत  के  हिसाब  से  कंप्यूटर  लिया  गया  लेकिन  धीरे  धीरे  उसका  सबसे  ज्यादा  उपयोग  मै ही  करता  रहा. ऐसे  ही  जब  नेट  कनेक्शन  लिया  तब  भी  मैंने  ही  इसे  ज्यादा  काम मै लिया. फिर  दोनों  बच्चो  के  पास  अपने  लेपटॉप हो  गए  तो  कंप्यूटर  ऑफिस  मै  आ  गया. बहुत  दिन  तक  मै  औरो  के  ब्लॉग  पढता  रहा. मेरा  ब्लॉग  से  जुड़ने  का  मन  था  लेकिन  मै  कोई  भी  काम  करता  हूँ  तो  खूब  सोचकर  और  फिर  पूरी   तयारी  के  साथ  करता  हूँ . मैंने  तीसरा  खम्बा  के  माध्यम  से  न्याय  व्यबस्था  की  कमियों  से  होने  बाली  परेशानियों  पर  लिखा. भारत  मै  न्याय  व्यबस्था  के इतिहास  पर  भी  मैंने  नियमित पोस्ट  लिखी. इसके  साथ  ही  मैं  ब्लॉग  के  जरिये  देश  के  हर  कोने  से  आने  बाली  सलाह  की  प्रार्थना  को  भी  पोस्ट   के  रूप  में  अपने  ब्लॉग  पर  जगह  देता  रहा  हू. इसके  अलावा  मेरा  अनवरत  ब्लॉग  भी  समसामयिक  मुद्दों  और  सरोकारों, कविता  और  अन्य   साहित्यिक  रुचियों  के  लिए  लगातार  पढ़ा  जाता  है. वकील  साहब  ने  बताया  कि  सबसे  पहले  उन्होंने  एक  अखवार  मे  काम  किया  और  फिर उन्हें  मुंबई  के  एक  अखवार  मे  काम  करने  का  निमंत्रण  था  लेकिन  मुंबई  उन्हें रास  नहीं  आई  सो  वापिस  लौट  आये. 

१९७८  मै  वकालत  शुरू  की  उसमे  भी  शुरू  से  शोषित  और  मजदूर  के  हक़  के  लिए  लड़ना  ही  मुख्या  ध्येय  रहा. वकील  साहब  ने  ये  भी  कहा  की  उनका  माना  है  की  अभी  ब्लोग जगत  शैशव  अवस्था  मै  है  लेकिन  आगे  जो  अच्छा  लिखेगा  उसे  ही  यद्  किया  जाएगा  और  उन्हें  भी  लोग  पढ़ते  है  तो  अच्छा  लगता  है  और  जहा  लिखा  हुआ  उनको  अच्छा  लगता  है  वहा  वो  प्रोत्साहन  भी  देते  है  और टिप्पणी  मै  अपनी  राय  भी  देते  हैं. कुछ  ख़ास  ब्लोगर्स  की  चर्चा  चलने  पर  वकील  साहब  ने  कहा  की  वो  यथा  संभव  सभी  के  ब्लॉग  पढ़ते  हैं  कुछ  से  नेट  पर  और  फ़ोन  पर  चर्चा  भी  होती  है  एक  चर्चित  ब्लोग्गर ( जो  ब्लॉग  पर  नारीवाद  की  अति  और  पुरुष  विरोधी  मानसिकता  के  लिए  जानी  जाती  है ) का  जिक्र  आया  तो  आपने  कहा  की  उनसे  नारी  मुद्दों  पर  खूब  चर्चा  होती  थी  और  वो  उनके  विचार  भी  मांगती  थी  लेकिन  एक  दिन  उस  ब्लोग्गर  की   किसी  पोस्ट  से  उन्होंने  पूरी  असहमति  दर्ज  की  तो  उन्होंने  कहा  अब  मै  कभी  आपसे  बात  नहीं  करूंगी  तो  उन्होंने  भी  खुशी  से  हमेशा  के  लिए  विदा  दे  दी. अजीत  वडनेकर  के  ब्लॉग  पर  उनके  संस्मरण  भी  छपे  है  जिन्हें  सभी  ने  बहुत  पसंद  किया  था .

इसके  बाद   चर्चा  को  संजय व्यास  ने  आगे  बढ़ाया  और  उन्होंने  अपने  बारे  मे   बताया  की  वो  बाड़मेर  से  है  तो  बात   चली  बाड़मेर  और  जोधपुर  के  जीवन  की  और  वहा  युवाओ  के  लिए  अब्सरो  के  अभाव  की. वहा  के   ग्रामीण  परिवेश  की  जोधपुर  के  जीवन  से  तुलना  और  अब  जब  वहा  तेल  के  भण्डार  मिले  है  और  रिफाइनरी  खुलने  ही  बाली  है  तब  बदले  माहौल  मे  रोज़गार  और  जीवन  मे  संभावित  बदलाव  पर  खुलकर  चर्चा  हुई. संजय  ने  ये  भी  बताया  की  वो  अपने  ब्लॉग  पर  केवल  गंभीर  लेखन  करते  है  और  टिप्पणी  लेने  देने  से  बहुत  प्रभावित  नहीं  होते.

चर्चा  की  कड़ी  से  जुड़ते  हुए  सीप  का  सपना  ब्लॉग  के  श्री  राकेश  मूथा जी  ने  अपने  लेखन  के  सरोकारों, कविता   और  नाटको  से  अपने  लगाव  और  सक्रियता  का  जिक्र  किया. सीप  का  सपना  नाम  से  उनकी  कविताओ की  पुस्तक  भी  प्रकाशित  हुई  थी  और  अब  सीप  का  सपना  ब्लॉग  में  लगभग  नियमित  रूप  से  वे  अपनी  नयी  कविताएं  डालते  रहते  हैं. उनके  कुछ  नियमित  पाठक  हैं उनकी  टिप्पणिया  भी  मिलती  हैं. 

इसके  बाद  चर्चा  का  सूत्र  एक  मात्र  महिला  ब्लोगर  कुमारी  शोभना  चौधरी  को  मिला. उनको  लेकर  कौतूहल  सभी  को  २  कारणों  से  था एक  तो  इन  दिनों  वो  रिसर्च मे  पूरी  तरह  डूबी  हुई   हैं और  इस   रिसर्च के  काम  की  एकरूपता को   तोड़ने  और  उस  मूड से  बाहर  आने  के  लिए  वे  सर्फिंग करती  हैं  और  इसी  लिए  अपने  ब्लॉग  पर  जो  मन  को  भाता   है  वो  लिखती  हैं. अपने  परिचय  मे  वेहद  प्रतिभाशाली  और  बहुमुखी  प्रतिभा  की  धनी  शोभना  ने  १०वी  कक्षा  मे  राजस्थान  बोर्ड  की  अपनी  मेरिट और  आगे  की  शैक्षणिक  उपलब्धियों  के  अलावा  शिक्षेतर गतिबिधियों से  जुड़े  होने  और  गणतंत्र  दिवस  परदे  मे  हिस्सा  लेने  और  अन्य  उपलब्धियों  का  जिक्र  किया. शोभना से सभी  ये  भी  जानना  चाहते  थे  कि  ऐसी  क्या  बात  हुई  कि   उन्होंने  ब्लॉग  जगत  को  छोड़ने  का  निर्णय  लिया  वो भी  तव  जबकि  उन्होंने  उसी  दिन  इस  ब्लोगर  मिलन  में   भाग  लेने  की  पुष्टि  कर  दी  थी.

इस  मामले  में  शोभना  जी  का  कहना  था  कि  वो  ब्लॉग  जगत  में  इस  आशा  के  साथ  आयी  थी  कि  यहाँ  आम  जीवन  से  अलग  थोड़े  लेकिन  पढ़े  लिखे  और  परिष्कृत  रूचि  के  लोग  होंगे  और  पढने  लिखने  बाले  लोगो  के  बीच  जाकर  उन्हें  सुकून  मिलेगा.   लेकिन  पिछले  बहुत  दिन  से  वो  जिस  तरह  के  आरोप  प्रत्यारोप  ब्लॉग  जगत  में  देख  पढ़  रही  है  उससे  उनका  मन  खराब हो  गया . उनको  सबसे  ज्यादा  दुःख  इस  बात  का  होता   है  कि  बहुत  से  लोग  साधारण  पोस्ट  को  असाधारण  बताकर  कमेन्ट  करते  है. वे  खुद  बहुत  कम  कमेन्ट  करती  है  क्युकी  इतना  समय  उनके  पास  नहीं  होता  तो  ऐसे  मे  कुछ  लोगो  ने  उनको  अशोभनीय  कमेन्ट  भेजे  जिनका  निहितार्थ  ये  था  कि  वो  लडकी  है  इसलिए  इतने  कमेन्ट  आते  हैं. इस  बात  पर  सभी  ने  चर्चा  की. मेरा  खुद का  मानना  है  कि  ब्लॉग  जगत  भी  बाकी  दुनिया  का  ही  प्रतिबिम्ब  ही  है  और  महिला  होने  के  कुछ  फायदे  होते  है  तो  कुछ  नुक्सान  भी  लेकिन  इसके  लिए  ब्लोगर  महिला  को  तब  तक  दोषी   नहीं  ठहरा  सकते  जब  तक  वो  अपनी  तरफ  से  ऐसे  कमेन्ट  करने  बालो  को  ना उकसाती  हो. सभी  साथी  ब्लोगर्स    ने  शोभना  जी  से  अनुरोध  किया  कि  वो  अपना  लेखन  ऐसे  ही  जारी  रखे  और  इस तरह  के  लोगो  से  घबराये  नहीं.

मेरे  अलावा  जो  बचे  हुए  वक्ता  रहे  वो  थे  कुश जो कि शायद  सबसे  उर्जावान  युवा  ब्लोगर  हैं  और  पूरे  ब्लॉग  जगत  मैं  उनकी  बहुआयामी  प्रतिभा  का  लोहा  माना  जता  है . वो  जयपुर  में  एक  सॉफ्टवेर  डेवेलोपमेंट  कंपनी  मैं  कार्यरत  हैं  और  ब्लॉग  जगत  में  तकनीक, लेखन  प्रतिभा  और  सक्रियता  के  लिए  जाने  जाते  हैं  वो  यदा-कदा  चिटठा  चर्चा  भी  करते  है  और  उनकी  चिटठा  चर्चा  को  बहुत  पसंद  किया  जता  है. उन्होंने  ब्लॉग  जगत  के  अपने  अनुभव  भी  बताये  और  सक्रिय  ब्लोग्गरों  के  ब्लॉग  और  उनके  लेखन  पर  भी  चर्चा  की.  साथ  ही  ब्लॉग  जगत  में  होने  बाले  विवादों जैसे  बबली  जी  के  ब्लॉग  पर  हुई  गरमागरम   चर्चा  पर  भी  उन्होंने  अपनी  राय  जाहिर  की. मेरे  द्वारा  एक  ख़ास  ब्लोग्गर  को  घोर  पुरुष विरोधी  और  उनके  रवैये  को  अड़ियल  बताया  गया  तो  उनका  कहना  था  कि  उस ब्लोगर  का जो  स्टैंड  है  वो  उस  पर  पूरी  ताकत  से  काम  कर  रही  हैं.. 

इस  सारी  आपसी  चर्चा  में  जिन  ब्लोग्गर बंधुओं को  याद  किया  उनमे अविनाश  जी , अनूप  शुक्ल  जी ,  समीर  लाल  जी,   अरविन्द  मिश्रा  जी, ललित  शर्मा  जी, पावला  जी, अनीता  कुमार  जी (अनीता  जी  के  ब्लॉग  को  पढके  ही मुझे  ब्लॉग  जगत  के  बारे  मे  पता  लगा), रश्मि  रविजा  जी, अदा  जी, शिखा  वर्श्नेय  जी, भाई  मिथिलेश, भाई  महफूज, भाई  अजय  झा  जी  के  ब्लॉग  और  उनके  योगदान  पर  तो  चर्चा  हुई  ही  साथ  ही  नाइस   टिप्पणी  से  सबको  उपकृत  करने  बाले  ब्लोगर सुरेश जी  की   भी  चर्चा  हुई.

डिस्क्लेमर  

1. ये  चर्चा  तब  तक  अधूरी  ही  कही  जायेगी  जब  तक  कि  अगली  बार   मिलने  की  तमन्ना  बाकी  रहेगी. 
2. पुनः  इस  मिलन  और  चर्चा  का  उद्देश्य  ये  है  कि  अधिक  से  अधिक ब्लोग्गर  हमसे  जुड़  सकें.. .
3. राजस्थान  के  अन्य  शहरो  के  ब्लोग्गर  भी  कृपया  ब्लॉग  जगत  में  अपनी  उपस्तिथी  की  सूचना  से  अवगत  कराये.
4. मुझे  उम्मीद  थी  कि  वकील  साहब, कुश, संजय, राकेश जी और शोभना  की  तरफ  से  ये  विवरण  मेरे  से  पहले  आ   जाएगा  इसी  लिए  इस  विवरण  के  लिए  तीसरी  कड़ी   तक  इंतज़ार  कराया. इस  देरी  के  लिए  सिर्फ  मै  दोषी  हूँ.  
5. मुझे  सजा  सुनाने  के  लिए  इस  पोस्ट  पर  टिप्पणी  करना  अनिवार्य  नहीं  है  पर  करे  तो  डिलीट  नहीं  की  जायेगी.
वकील साहब फिर आना


    

41 comments:

Anonymous said...

बढ़िया रहा आपका यह ब्लॉगर मिलन
मिलते रहिए

हमारे यहाँ की रौनक बढ़ाने की भी सोचिएगा!

बी एस पाबला

विवेक रस्तोगी said...

अरे वाह मजा आ गया, ऐसे ब्लॉगर मिलन तो होते ही रहना चाहिये, जिससे सोच को नया आयाम मिले नई बातें सीखने को मिलें।

Anonymous said...

पहले तो माफ़ी मांगूंगी कि मैंने अभी तक इस ब्लॉगर मिलन के बारे में कुछ नहीं लिखा.......मैंने जो बोला वो आपने लिख दिया कि मेरे पास समय नहीं है इसलिए मैं कमेन्ट नहीं देती........सर अब सब मिलकर मुझे मारेगें कि आई बहुत ही बड़ी....समय नहीं है जैसे हम लोगों के पास बहुत है.......खैर समय तो सभी के पास बहुत ही कम है.......पर मैं थोड़ी आलसी हूँ कमेन्ट देने में समझ ही नहीं पाती कि क्या लिखू............सब लिखते बहुत अच्छा है.......आपने काफी तारीफ की मेरी मैं इस लायक नहीं........अगर तारीफ पाने की आदत पड़ गयी तो मुश्किल हो जाएगी........अभी तो कोशिश कर रही हूँ कि खुद को साबित कर सकूँ और एक छोटी सी नौकरी का जुगाड़ कर सकू..........आप सभी लोगों से उस दिन मिलकर मुझे काफी सिखने को मिला..........कोशिश करती हूँ कि कुछ सीख सकूँ आप जैसे सफल लोगों से ...........आशा करती हूँ फिर मिलना होगा......

ब्लॉ.ललित शर्मा said...

ब्लागर मिलन की बधाईयां
इसी तरह मिलें दिल खोल कर चर्चा करे
आनंद मे रहें
बहुत बढिया रिपो्र्टिंग
शुभकामनाएं
अब हम भी जल्द ही जोधपुर और जयपुर का कार्यक्रम बना रहे हैं।
राम-राम सा

रंजन said...

गुड सर..शुभकामनाए..

डॉ. महफूज़ अली (Dr. Mahfooz Ali) said...

बढ़िया रहा आपका यह ब्लॉगर मिलन.... आदरणीय दिनेश जी.... बहन शोभना, ..... छोटे भाई कुश और आपके बारे में और जानकर अच्छा लगा...

अजय कुमार झा said...

बहुत सुंदर रिपोर्ट हरि भाई , और जैसा कि आपने कहा कि ये तो सिर्फ़ एक शुरूआत है जल्दी ही ये एक सिलसिले का रूप लेगा , मैं तभी तो बार बार कह रहा हूं और मानता हूं कि हो न हो हिंदी ब्लोगजगत सिर्फ़ आभासी दुनिया तक सीमित नहीं रह सकेगा ..एक बार फ़िर बधाई
अजय कुमार झा

दिनेशराय द्विवेदी said...

आप ने रिपोर्ट का आरंभ कर चुके थे इस कारण मैं ने इस बारे में कुछ न लिखा। वैसे जोधपुर से लौटने के बाद कुछ व्यस्तता भी रही। इस बीच ब्लाग कम ही पढ़ पाया। अनवरत पर तो कुछ लिख ही न सका। आज से लिखना आरंभ कर दिया है। अधिकांश बातें आप ने लिख दी हैं। लेकिन मैं भी अपना अनुभव अवश्य ही बताउंगा। और जोधपुर जल्दी ही आ रहा हूँ शायद अगले माह ही। फिर मिलेंगे।

Udan Tashtari said...

अच्छा लगा विस्तृत रिपोर्ट पढ़कर. राकेश भाई की कविताओं के तो हम फैन हैं.

आपका आभार.

Sanjeet Tripathi said...
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Sanjeet Tripathi said...

badhiya report di aapne,aabhaar.

baadmer wale sanjay ji se ek sawal tha agar ve javab pata kar hamein bataa sakein to,
shuruaati daur me badmer police ka bhi ek blog hua karta tha jise padhne wale aksar 2 hi log hua karte the, ek mai aur ek NDTV wale umashankar singh ji.
ek lamba arsaa hua badmer police ka blog maine dekha nahi apni vyast-tao ke chalte. to kya aaj bhi chal raha hai badmer police ka vah blog ?
kyonki kisi jile ka vah pahla police blog tha meri jankari me, jisme dainik rojnamcha publish kiya jata tha, ye ek sarahniya pahal thi, yah us jamane ki baat kar raha hu jab blog agreegetor ke naam par sirf narad maharaj hi hua karte the

राजीव तनेजा said...

बहुत ही बढ़िया...विस्तृत एवं सिलसिलेवार रिपोर्ट रिपोर्ट...
बाकी ब्लॉगर साथियों के बारे में जानकर अच्छा लगा

sanjay vyas said...

बढ़िया चर्चा के लिए आभार.मैं भी इस दुर्लभ अवसर पर मौजूद था और जो बातें हुई उनका लगभग समग्र विवरण यहाँ मिलने की उम्मीद मुझे दिखी इसलिए मैंने अलग से लिखने का मानस अभी बनाया नहीं है.वैसे १६ फरवरी को वैवाहिक कार्यक्रम में शिरकत से भी व्यस्तता रही.यहाँ हम बने हुए हैं आप लिखते रहें:)

@ संजीत त्रिपाठी जी


बाड़मेर पुलिस का ब्लॉग मैंने कई बार देखा है उसे लगातार अपडेट भी किया जाता है. पर मैंने इस पर सिर्फ पुलिस थानों में केस दर्ज होने की सूचनाएं ही देखीं है बस.हाँ इसमें कुछ काम के लिंक्स ज़रूर हैं.पिछले कुछ समय से इसे देख नहीं पा रहा हूँ.इसे लेकर उत्सुकता रही क्योंकि पिछले करीब नौ-दस साल से जोधपुर में होने के बावजूद बाड़मेर से सम्बंधित समाचार जानने की इच्छा बलवती है अभी भी.

rashmi ravija said...

बहुत ही अच्छी और विस्तृत रिपोर्ट...सभी ब्लोगर्स के बारे में बहुत कुछ जानने को मिला...और बहुत ख़ुशी हुई जानकर,सब इतने समर्पित हैं ब्लॉगजगत के प्रति और उसके उत्थान के लिए प्रयासरत हैं...ऐसे ही आपलोग मिलते रहें...और
नए नए विषयों पर विचारकर..ब्लॉगजगत को आसमान की बुलंदियों तक पहुंचाएं...शुभकामनाएं

varsha said...

achcha laga is blogger meet ko padhna.

shikha varshney said...

बहुत अच्छा लगा ये रिपोर्ट पढ़कर ..ऐसी मीटिंग होती रहनी चाहिए ..काश एक दिन हमें भी इसी तरह सबसे मिलने का मौका मिले....
विस्तृत रिपोर्ट .समस्त शुभकामनाओं के साथ.

ज्योति सिंह said...

hum bhi yahi kahenge aapka yah samaaroh bahut hi dilchasp aur sarahniye raha ,kitna achchha lagata hai vicharo se ru-b-ru hona aur us dhara me bahna ek adbhut anubhuti hai ,hamne padhkar hi aanand le liya

Anonymous said...

एक चर्चित ब्लोग्गर ( जो ब्लॉग पर नारीवाद की अति और पुरुष विरोधी मानसिकता के लिए जानी जाती है ) का जिक्र आया तो आपने कहा की उनसे नारी मुद्दों पर खूब चर्चा होती थी और वो उनके विचार भी मांगती थी लेकिन एक दिन उस ब्लोग्गर की किसी पोस्ट से उन्होंने पूरी असहमति दर्ज की तो उन्होंने कहा अब मै कभी आपसे बात नहीं करूंगी तो उन्होंने भी खुशी से हमेशा के लिए विदा दे दी.

this is about me and i want to clarify that i stoped talking to mr dinesh after he called me a fool during a email exchange in relation to a post by mr satish saxena about rakshand khan

people try to show they are good by spreading stories about others and that also false stories

i am surprised a reputed person like mr dinesh also does this

Anonymous said...
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Anonymous said...

पुरुष विरोधी हूँ ये विचार उनका हैं जो स्त्री के opiniated होने को पुरुष विरोधी मानते हैं । स्पष्ट वादी हूँ और सच बोलती हूँ और साक्ष्य आप को दे दिया हैं अब अगर हिम्मत हैं और जमीर हैं तो क्षमा मांग ले कि आप लोगो एक भ्रान्ति पूर्ण बात कि हैं और अगर हिम्मत और ज़मीर दोनों ही नहीं हैं तो बेकार ब्लोगिंग मे आये हैं आप लोग

Anonymous said...
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Anonymous said...
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Anonymous said...
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Anonymous said...
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Unknown said...

ब्लागर सम्मेलन की रिपोर्ट अच्छी रही, लेकिन ये नारी-पुरुष विवाद के पुनः उभरने से मामला कसैला हो गया…। जबकि मेरा ख्याल कुश भाई से मिलता-जुलता है जिसने कहा कि "…उस ब्लोगर का जो भी स्टैंड है वो उस पर पूरी ताकत से काम कर रही हैं.."।

ऊपर से कोई बेनामी बन्धु हैं जो महिला को कोसने में भी परदा लगाये हुए हैं…

Anonymous said...
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Anonymous said...
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Anonymous said...

since you have deleted my proof where i told why i stopped talking with mr dinesh i will put the same up on naari blog now

Anonymous said...

http://indianwomanhasarrived.blogspot.com/2010/02/blog-post_1590.html

दिनेशराय द्विवेदी said...

@ रचना
आप ने लिखा है ..."i stoped talking to mr dinesh after he called me a fool during a email exchange...."
क्या आप इसे साबित कर सकती हैं कि मैं ने ऐसा कभी कहा है। ई-मेल तो आप ने सुरक्षित ही रखा होगा।

Unknown said...

पिछले ५ दिन से इस ब्लोगर मिलन पर हम सब बात कर ही रहे थे और मैने अनुरोध किया था कि अन्य साथी भी अपनी तरफ़ से लिखे जिससे छूटी हुई बाते भी सामने आ जाये.

आज शाम औफ़िस से घर आया तो नेट खोलते ही थोडी नयी परेशानी सामने आयी. रचना जी के कुछ कमेट थे जिन पर उनसे लम्बी चर्चा भी हुई उन्हे मेरे द्वारा दिये गये विवरण के किसी हिस्से पर आपत्ति थी लेकिन अनामी कमेट की भी बाढ आयी हुई थी जिन्हे मै अपने ब्लोग पर ठीक नही मानता. अब तक मोडरेशन नही था. अनामी को छपने से रोक दिया है. वकील साहब के कथन और मेरे विवरण पर जो आपत्ति उन्होने की वो यथा स्थान है.

एक निवेदन ये है कि मेरे ब्लोग लेखन का उद्देश्य खुद को ब्लोग का या साहित्य का महारथी साबित करना नही है और ना ही किसी का अपमान करना मेरा उद्देश्य है. जहा भी मै टीप छोडता हू वहा महसूस करता हू कि मुझे यही कहना चाहिये.

वकील साहब ने बहुत सी बाते बहुत अच्छे तरीके से बता दी है. आगे उनकी लेखनी से जानने का लोभ मुझे भी है.

अविनाश वाचस्पति said...

वैसे क्‍या इसे ब्‍लॉगिंग के पहले हिन्‍दी विश्‍वयुद्ध की संज्ञा दी जाए ? अथवा सार्थकता तक पहुंचने के लिए निरर्थकता ही एक बेथकान भरा रास्‍ता है। जबकि रिक्‍शे पर चलने से थकान अनिवार्यता है।

Arvind Mishra said...

आज ही पढ़ पाया इस मिलन समारोह के बारे में -जस की तस रिपोर्टिंग की है आपने, बहुत आभार

अनूप शुक्ल said...

सुन्दर विवरण! अच्छा लगा हिसाब-किताब।

रचनाजी के बारे में जो बातें हुईं वे शून्यप्रहर टाइप के सत्र वाली बातें रहीं होंगी। इस तरह की और भी तमाम बातें होती रहती हैं। उनका जिक्र जिस तरह से आपने किया उससे साफ़ पता चलता है कि वे किसके लिये कहीं गयीं हैं। उनको लिखने से बचा जा सकता था।अब इस मसले पर पांच-दस पोस्टें आनी लाजिमी हैं।

रचनाजी के अभिवयक्ति के तरीके और अंदाज से मतभेद हो सकता है। लेकिन उनका जो भी मत है उस पर वे दृड़ता के साथ टिकी रहती हैं। उनकी ईमानदारी और जो समझती है वह कह सकने की हिम्मत काबिले तारीफ़ है।

वन्दना अवस्थी दुबे said...

बढिया रपट. "नाइस" वाले तो सुमन जी हैं न? गलती से सुरेश जी लिख गया है.

Anonymous said...

उन्हे मेरे द्वारा दिये गये विवरण के किसी हिस्से पर आपत्ति थी
hari sharma ji maene kab aaptti ki maene aap sae kewal yae kehaa ki jis ghatna kaa aap vivran dae raehy haen wo us tarah nahin hui thee , maeri kisi bhi post par "लेकिन एक दिन उस ब्लोग्गर की किसी पोस्ट से उन्होंने पूरी असहमति दर्ज की" jaesa koi vaakya nahin thaa vakyaa dusra thaa aur jo thaa uska ssakshy maene dae diyaa thaa

aap jo chahey likhae aap kaa blog haen aaptti jaesi koi baat nahin hui thee

Anita kumar said...

आप की कलम से और ब्लोगरों के बारे में जान कर अच्छा लगा। लेकिन आप ने अपने बारे में विस्तार से नहीं लिखा, वहां दूसरों को बताया तो होगा। उस के बारे में भी लिखिए प्लीज

Unknown said...

VERY NICE HARI JI