यही सोच दिमाग मे़ आती है -
औरत क्या नही है, औरत धरती है
औरत एक बच्चे का आसमान है
औरत एक समाज की धुरी है
औरत एक सभ्यता का जीवित स़स्कार है
औरत मा की ममता है, आन्चल का दूध है
बिना वाप के बच्चो़ का पिता भी है
औरत गुरु है, ग्यान है, गरिमा है
औरत बेटी है, रन्गोली है, आन्गन की तुलसी है
औरत से घर मे़ मनते सब त्योहार है
औरत गीत है कविता है गज़ल है
औरत मानवता की किताब के पन्नो पे
लिखा एक सुनहरा ललित निबन्ध है
औरत हा औरत ही वो अद्भुत शक्ति है
जो एक शरीर से कई शरीर बना सकती है
भगवान ने कुल एक औरत पैदा की
उसने भगवान् और भाग्यवान पैदा किये
औरत है तो ये दुनिया है उसके बिना
आदमी तो क्या आदमी का जीवास्म नही होता
औरत के जिस्म को देख के विमर्श करने बालो
औरत को देखना है तो दुर्गा के अवतारो को देखो
औरत है तो ये दुनिया है उसके बिना
आदमी तो क्या आदमी का जीवास्म नही होता
औरत के जिस्म को देख के विमर्श करने बालो
औरत को देखना है तो दुर्गा के अवतारो को देखो
33 comments:
औरत जो अपने कुनबे के लिये ही जिया करती है, इसको शब्दो मे ढालना मुस्किल है, बहुत बढिया बधाई
bilkul sahi kaha hai aapne.........
बहुत सुन्दर और सत्य अभिव्यक्ति है शुभकामनायें
hari ji aapne aurat ko bahut hi sarthak vyakya di hai...bahut khushi huyi...shubhkamnaye.
matra shaki ke liye esse achhe vichar aur ho hi nahi sakte, koti koti sadhuwad
aapki iss rachna per mujhe apni gazal ke kuch sher yaad aa rahe hain.mulahija farmayen-
manzil hai rasta hai hamsafar hai nariyaan.pucho na aaj kaise mod per hai nariyaan.ouron ki soch soch kar gali hai barf-si.chintaon se chitaon ka safar hai nariyaan.
shi khte h na....... yater poojyene nari, rmyante tater dewta.........
सत्य कहा. औरत की जिन्दगी बहुत कठिन है.
आप की कविता में बहुत दम है
औरत के लिए जितना कहो कम है।
हरि जी आपकी सोच और अभिव्यक्ति इतनी सुन्दर है कि उसे शब्दों में बांध पाना कठिन है ।
आपने मात्र तीन अक्षर "औरत " शब्द में तीनों लोकों को बडे़ ही अच्छे ढंग से समाहित कर दिया है । वास्तव में जिसने "औरत " के इस गूढ़ रहस्य को जान लिया व समझ लिया है वही दे सकता है औरत को मान - सम्मान ।
आज अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर आप अपनी इतनी अच्छी सोच को हम सबके बीच लाए हैं । इसके लिए आप बधाई के पात्र हैं ।
औरत को देखना है तो दुर्गा के अवतारो को देखो....
बहुत बढ़िया ...!!
सोनिया भाटिया जी से प्राप्त:
अद्भुत रचना .......
आप जैसे विचार वाले लोग है..... औरतो का सम्मान करने वाले, तभी यह दुनिया अभी तक टिकी हुई है.......
Nari ke har swroop ko dohraya aapne.. ye panktiyan khaskar achchhi lageen
औरत है तो ये दुनिया है उसके बिना
आदमी तो क्या आदमी का जीवास्म नही होता
औरत के जिस्म को देख के विमर्श करने बालो
औरत को देखना है तो दुर्गा के अवतारो को देखो
aabhar ek sundar rachna ke liye aur nari ko samman dene ke liye Hari ji
औरत है तो ये दुनिया है उसके बिना
आदमी तो क्या आदमी का जीवास्म नही होता
यह विचार अद्भुत है । बधाई ।
औरत क्या है? आपने अत्यन्त सुन्दर लिखा है... सोच रही थी कि सिर्फ इतना कहकर कल्ती काट लूँ.. पर नही...
औरत हो
औरत की तरह
ठहाके लगाना
गाने गुनगुनाना
मस्ती मे झुमना
दोस्तो के साथ मौज लेना
बिन्दास अपने विचार रखना
ये सब मना है
जो तुम्हे करना चाहिये
वो है देवी बनके रहना
सारी दुनिया की मर्यादा बचाना
खुद को मारकर नवजीवन पैदा करना
दुसरो के लिये अपने आपको मिटा देना
आदि आदि
डा. वीणा शर्मा जी से प्राप्त
औरत बहुत कुछ है पर सबसे पहले वह एक इन्सान है ना देवी और ना अति मानव बस उसे मानवी ही बने रहना दिया जाए तो समाज की महती कृपा होगी|इतनी सुन्दर रचना के लिए बधाई|
औरत को देखना है तो दुर्गा के अवतारो को देखो....
बहुत सुंदर लिखा जी
वाह बहुत बढ़िया लिखा है आपने..
बहुत खूब...बेहद सुन्दर रचना.....दिल से निकली बात.....एक और पंक्ति जोड़ना चाहूंगी....इन सबसे बढ़ कर औरत एक औरत हैं....जो हम अक्सर भूल जाते हैं..ना जाने क्यों....उसका औरत होना अपने आप में एक बहुत बड़ी बात हैं....!!
औरत के लिए जितना कहा जाए...कम है...
सटीक रचना
bahut hi khub.......words nahi mil pa rahe hai is poem ki tarif ke liye.....
नारी के प्रति आप का आदर देख कर अच्छा लगा। धन्यवाद
बहुत सुन्दर. बधाई.
सचमुच सृष्टि स्त्री से ही है !!
औरत ब्लॉगर भी है।
हर भाव समेट कर
कोमल सी सोंधी माटी की
एक प्रतिमा,
फौलाद सी दृढ
इच्छाशक्ति की
स्वामिनी,
एक शीतल छाया
एक निर्मल पानी
यही है औरत
यही है उसकी कहानी
हर भाव समेट कर
कोमल सी सोंधी माटी की
एक प्रतिमा,
फौलाद सी दृढ
इच्छाशक्ति की
स्वामिनी,
एक शीतल छाया
एक निर्मल पानी
यही है औरत
यही है उसकी कहानी
क्या बात है...
औरत के इतने रूप बता दिए
बहुत ही सुन्दर कविता
Sunder kvita ...or foto bhi ...
behud sarthakor sundar rachna...shandar abhiwyakti....
Bahut Khoob
औरत हा औरत ही वो अद्भुत शक्ति है
जो एक शरीर से कई शरीर बना सकती है
भगवान ने कुल एक औरत पैदा की
उसने भगवान् और भाग्यवान पैदा किये
बहुत सूंदर रचना (y)
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