Friday, April 22, 2011

डा. कुमार विश्वास आज जयपुर मे


आज हिन्दी कवि सम्मेलनो के सबसे चर्चित युवा गीतकार डा कुमार विश्वास आज जयपुर मे है  और शाम को तक्षशिला बिजनेस स्कूल में उनका कार्यक्रम है. 
  



उनके स्वागत मे उन्ही का एक गीत प्रस्तुत है. 


सफ़ाई मत देना



एक शर्त पर मुझे निमन्त्रण है सुभगे स्वीकार
सफ़ाई मत देना
अगर करो झूठा ही चाहे, करना दो पल प्यार
सफ़ाई मत देना
अगर दिलाऊं याद, पुरानी मीठी कोई बात
दोष मेरा होगा
अगर बताऊँ , कैसे झेला प्राणो पर आघात
दोष मेरा होगा
मै खुद पर काबू पाउँगा, तुम करना अधिकार
सफ़ाई मत देना
है आवश्यक वस्तु स्वास्थ्य, यह भी मुझको स्वीकार
मगर मज़बूरी है
प्रतिभा के यू क्षरण हेतु भी, मै ही जिम्मेदार
मगर मजबूरी है
तुम फिर कोई बहाना झूठा, कर लेना तैयार
सफ़ाई मत देना

3 comments:

Sushil Bakliwal said...

शुभागमन...!
कामना है कि आप ब्लागलेखन के इस क्षेत्र में अधिकतम उंचाईयां हासिल कर सकें । अपने इस प्रयास में सफलता के लिये आप हिन्दी के दूसरे ब्लाग्स भी देखें और अच्छा लगने पर उन्हें फालो भी करें । आप जितने अधिक ब्लाग्स को फालो करेंगे आपके ब्लाग्स पर भी फालोअर्स की संख्या उसी अनुपात में बढ सकेगी । प्राथमिक तौर पर मैं आपको 'नजरिया' ब्लाग की लिंक नीचे दे रहा हूँ, किसी भी नये हिन्दीभाषी ब्लागर्स के लिये इस ब्लाग पर आपको जितनी अधिक व प्रमाणिक जानकारी इसके अब तक के लेखों में एक ही स्थान पर मिल सकती है उतनी अन्यत्र शायद नहीं । प्रमाण के लिये आप नीचे की लिंक पर मौजूद इस ब्लाग के दि. 18-2-2011 को प्रकाशित आलेख "नये ब्लाग लेखकों के लिये उपयोगी सुझाव" का माउस क्लिक द्वारा चटका लगाकर अवलोकन अवश्य करें, इसपर अपनी टिप्पणीरुपी राय भी दें और आगे भी स्वयं के ब्लाग के लिये उपयोगी अन्य जानकारियों के लिये इसे फालो भी करें । आपको निश्चय ही अच्छे परिणाम मिलेंगे । पुनः शुभकामनाओं सहित...

नये ब्लाग लेखकों के लिये उपयोगी सुझाव.

बेहतर स्वास्थ्य की संजीवनी- त्रिफला चूर्ण

Unknown said...

@ सुशील बाकलीवाल जी
शुभकामनाओ के लिये बहुत बहुत आभार. आपने जो सुभाषित लिखा उससे ऐसा लगा कि ना तो आपने ब्लोगर को समझने की कोशिश की ना ब्लोग को ना ब्लोगर प्रोफाईल को. २००५ मे ब्लोग से जुडने वाले को नया ब्लोगर मानकर जो सीख दी है वो सभी के लिये अनुकरणीय है.

आपका बहुत बहुत आभार.

Surendra shukla" Bhramar"5 said...

शर्मा जी बहुत सुन्दर भावों को लिए हुए रचना मै आऊंगा रोज अब पढने प्रिय मेरी राह मत रोंकना -निम्न पंक्तियाँ बहुत भायीं


अगर करो झूठा ही चाहे, करना दो पल प्यार
सफ़ाई मत देना

shuklabhramar5