२९ जनवरी २०१० को राजस्थान ने एक वेहद सभ्य और बहुमुखी प्रतिभाशाली राजनेता राम निवास मिर्धा को खो दिया. ८६ बर्ष की आयु में दिल्ली के गंगा राम अस्पताल में उन्होंने अंतिम सांस ली. अभी वे संगीत नाटक अकादमी के अध्यक्ष थे. उनका जन्म राजस्थान के बाड़मेर जिले के जसोल कस्वे में २४ अगस्त १९२४ को हुआ और इनका परिवार नागौर जिले के कुचेरा के पास राड कस्वे से सम्बंधित है. उनके पिता स्वर्गीय बलदेव राज मिर्धा तत्कालीन जोधपुर राज्य की पुलिस सेवा में अधिकारी थे.
उन्होंने एम ए, एल एल बी की शिक्षा भारत के इलाहाबाद विश्वविद्यालय और लखनऊ विश्वविद्यालय से और जेनेवा के ग्रेजुएट इंस्टिट्यूट ऑफ़ इंटरनॅशनल स्टडीज से प्राप्त की. शिक्षा समाप्ति के बाद कुछ समय तक आपने राजस्थान प्रशासनिक सेवा के अधिकारी के रूप में सेवा की और फिर राजनीति में कूद पड़े. १९५३ में राजस्थान विधान सभा में प्रवेश किया. १९५४ से १९५७ तक आप राजस्थान सरकार में मंत्री रहे और १९५७ में उन्हें उनकी योग्यता और प्रतिभा को देखते हुए राजस्थान विधान सभा का अध्यक्ष चुना गया, इस पद पर आपने १९६७ तक काम किया. १९६७ से १९84 तक श्री मिर्धा राज्य सभा के सदस्य रहे. और १९८४ से १९८९ तक नागौर से और १९९१ से १९९६ तक बाड़मेर से लोकसभा के सदस्य रहे.
केंद्र की राजनीति में उन्होंने बहुत ही महत्वपूर्ण जिम्मेदारिया बड़ी कुशलता से निभाई. जिनका विवरण इस प्रकार है -
उन्होंने एम ए, एल एल बी की शिक्षा भारत के इलाहाबाद विश्वविद्यालय और लखनऊ विश्वविद्यालय से और जेनेवा के ग्रेजुएट इंस्टिट्यूट ऑफ़ इंटरनॅशनल स्टडीज से प्राप्त की. शिक्षा समाप्ति के बाद कुछ समय तक आपने राजस्थान प्रशासनिक सेवा के अधिकारी के रूप में सेवा की और फिर राजनीति में कूद पड़े. १९५३ में राजस्थान विधान सभा में प्रवेश किया. १९५४ से १९५७ तक आप राजस्थान सरकार में मंत्री रहे और १९५७ में उन्हें उनकी योग्यता और प्रतिभा को देखते हुए राजस्थान विधान सभा का अध्यक्ष चुना गया, इस पद पर आपने १९६७ तक काम किया. १९६७ से १९84 तक श्री मिर्धा राज्य सभा के सदस्य रहे. और १९८४ से १९८९ तक नागौर से और १९९१ से १९९६ तक बाड़मेर से लोकसभा के सदस्य रहे.
केंद्र की राजनीति में उन्होंने बहुत ही महत्वपूर्ण जिम्मेदारिया बड़ी कुशलता से निभाई. जिनका विवरण इस प्रकार है -
केन्द्रीय राज्य मंत्री - गृह मंत्रालय, कार्मिक और प्रशासनिक सुधार विभाग (जून 1970-1,974 अक्टूबर)
केन्द्रीय राज्य मंत्री - रक्षा उत्पादन (अक्टूबर 1974-1975 दिसम्बर, केन्द्रीय राज्य मंत्री - आपूर्ति एवं पुनर्वास (स्वतंत्र प्रभार) (दिसंबर 1975-1977 मार्च)
उपाध्यक्ष, राज्य सभा (1977-1980),
उपाध्यक्ष, राज्य सभा (1977-1980),
जल संसाधन विभाग के मंत्री (1983 जनवरी 1984 अगस्त),
विदेश (August 1,984-1984 दिसम्बर) मामलों के मंत्री,
संचार (1985-1986 अक्टूबर) जनवरी के मंत्री,
कपड़ा मंत्री (कैबिनेट रैंक), स्वास्थ्य और परिवार कल्याण का अतिरिक्त प्रभार (अक्टूबर 1986-1989 दिसम्बर),
सदस्य दसवें बाड़मेर से लोक सभा, (1991-1996) राजस्थान, संयुक्त संसदीय समिति 1992 के अध्यक्ष प्रतिभूति और बैंकिंग में अनियमितताओं की जांच के लिए. .
राम निवास मिर्धा ने अनेक मौको पर अंतरराष्ट्रीय सम्मेलनों में जिताभारत का प्रतिनिधित्व: किया.जैसे -
संयुक्त राष्ट्र संघ , राष्ट्रमंडल संसदीय सम्मेलन, राष्ट्रमंडल पीठासीन अधिकारियों का सम्मलेन, अंतर संसदीय संघ का सम्मेलन, भारतीय प्रतिनिधिमंडल के नेता संयुक्त राष्ट्र, महासभा, 1984 से सितम्बर, सदस्य कार्यकारी 1993-1997 (यूनेस्को के बोर्ड).
वह बहुत से सांस्कृतिक मामलों में सक्रिय रहे हैं. राष्ट्रीय खेल संस्थान, दिल्ली शहरी कला आयोग के उपाध्यक्ष विशेष आयोजन ग्यारहवीं एशियाई खेलों के लिए समिति, और राष्ट्रपति, यूथ हॉस्टल एसोसिएशन ऑफ इंडिया.
राष्ट्रपति, भारतीय विरासत सोसाइटी,
वरिष्ठ उपाध्यक्ष, संवैधानिक और संसदीय अध्ययन संस्थान.
मानद. राष्ट्रपति विश्व यू एन संघों पर संघ,
अध्यक्ष, भारतीय यू एन एसोसिएशन के संघ,
अध्यक्ष भारतीय इंटरनेशनल लॉ सोसायटी,
अध्यक्ष, संगीत नाटक अकादमी (राष्ट्रीय संगीत, नृत्य तथा नाटक अकादमी),
अध्यक्ष, सूरजमल मेमोरियल एजुकेशन सोसायटी, नई दिल्ली.
इस पोस्ट के माध्यम से हम उन्हे अपनी भावभीनी श्रद्धान्जली अर्पित करते है